आवेश-घनत्व $\rho(r)$ के किसी गोलीय-आवेश-वितरण, के अन्दर $N$ समविभव-पृष्ठ, जिनकी विभव है $V _{0}, V _{0}+\Delta V , V _{0}+2 \Delta V , \ldots \ldots V _{0}+ N \Delta V$ $(\Delta V >0)$, आरेखित किये गये हैं और उनकी त्रिज्याऐं क्रमश: $r_{0}, r_{1}, r_{2}, \ldots \ldots \ldots . . r_{N}$ हैं। यदि त्रिज्याओं का अन्तराल, सभी $V _{0}$ तथा $\Delta V$ के मानों के लिये, स्थिर है तब
$\rho \left( r \right) = $ अचर
$\rho \left( r \right) \propto \frac{1}{{{r^2}}}$
$\rho \left( r \right) \propto \frac{1}{r}$
$\rho \left( r \right) \propto r$
वैद्युत विभव एवं दूरी $(x)$ के बीच सम्बन्ध को निम्न रूप में दर्शाया गया है $V = (5{x^2} + 10x - 9)\,$वोल्ट। $x = 1$ मीटर पर वैद्युत क्षेत्र का मान .......$V/m$ होगा
किसी भी बिन्दु $x,\,y,\,z$ (सभी मीटरों में) विद्युत विभव $V = 4{x^2}\,$ वोल्ट द्वारा दिया जाता है। बिन्दु $(1m,\,0,\,2m)$ पर विद्युत क्षेत्र वोल्ट/मीटर होगा
दो समान्तर प्लेटों के विभव क्रमश: $-10\,V$ एवं $+30\,V$ हैं। यदि प्लेटों के बीच की दूरी $2\,cm$ हो। तो प्लेटों के मध्य विद्युत क्षेत्र .......$V/m$ होगा
किसी स्थिरवैद्युत आवेश वितरण का विभव निम्न समीकरण के द्वारा दिया गया है $V(r)=\frac{q e^{-\alpha r}}{4 \pi \varepsilon_0 r}$ जहां $\alpha$ धनात्मक है। एक $1 / \alpha$ त्रिज्या के गोले, जिसका केंद्र मूल बिन्दु (origin) पर है, के अंदर कुल आवेश होगा:
किसी बिन्दु $( x , y , z )$ (मीटर में) पर विधुत विभव, $V =4 x ^{2}$ वोल्ट है। बिन्दु (1,0,2) पर विधुत क्षेत्र वोल्ट प्रति मी. में होगा: